Tuesday 31 January 2017

सपने ये तेरे मेरे


ना तू सुन्दर , ना मैं सुन्दर
फिर भी एक सुन्दर रिश्ता बनाना है ,
बिठा कर तुझे इस बाहों के डोली में
चंदा के पार जाना है ..
भर देने है आँखों में सपने सात रंग में ,
उनमे अपने प्यार का रंग भी मिलाना है..
हर ख़ुशी तेरी ज़िन्दगी में भर कर
तेरे आँखों से हर आंसू चुराना है ..
बांध देनी है किस्मत की डोर तेरी किस्मत से,
प्यार की चादर पे ख़ुशी की गांठ यूँ लगाना है ,
कोई न तोड़ पाए फिर इस गठबंधन को
विस्वास की इतनी मजबूत गांठ हमे लगाना है ..
चूम कर तेरी आँखों को अपने होठो से,
सिंदूरी तेरी काया यूं बनाना है ,
दे देनी है बस जान फिर तेरे सड़के में ,
खुद की ही नजर न लगा जाये कही
अपने बाहों में फिर तुझे छुपाना है ..
खो जाना है तुझमे मुझे यु,
के फिर न मुझे खुद को पाना है ...
चाँद के पर फिर ले जा कर हमे,
तारों के आगे एक दुनिया बनाना है ..