Monday 7 November 2016

फिर से प्यार


हर शिकवे शिकायत दिल से बस दूर कर दे ,
फिर से प्यार करना सिख लूं मैं
तू मुझे इतना मजबूर कर दे..
जिस एहसास को दफना दिया मैंने दिल के कोने में कही,
जिस रास्ते से निकल आया मैं दूर कहीं,
ले चल उन रास्तो पे फिर से,
उस जमीन को तू फिर से नूर कर दे ..
फिर से प्यार करना सिख लूं मैं,
तू मुझे इतना मजबूर कर दे ..
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी के मायने दे जा,
ख़ुशी से दू तर कर दे..
बेफिक्रे मलंग सी इस ज़िन्दगी को .
तू अपने प्यार से बेसबर कर दे..
खोने के डर का एहसास दे तू,
पाने की खुशी की अहमियत फिर हो मुझे,
फिर से रुला मुझे उस प्यार के लिए,
फिर से प्यार हो मुझे,
पत्थर हो गया मैं इस पत्थर से लोगो के बिच,
तू मुझे अपने प्यार से कोहिनूर कर दे,
फिर से प्यार करना सिख लूं मैं,
तू मुझे इतना मजबूर कर दे .. 

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