Wednesday 31 August 2016

ए मेरा भला चाहनेवालों


ए मेरा हीत चाहने वालों
चलो तुम भी अपना फर्ज़ निभा लो,
हो गया है वक़्त तुम्हारे अपनापन दिखने का
मेरी बेबसी पे चलो तुम भी तरस खा लो ...
दिखा लो अपना अपनापन
दिखावे की सहानुभूति की बहोत जरूरत है मुझे भी ।
बड़प्पन दिखने का मौका है तुम्हारे पास,
और हक़ है तुम भी ॥
लो हूँ बैठा हार कर मैं भी ,
आओ अपनी नसीहत लेकर
चाहो तो अपना दुखड़ा भी सुना लो ॥
ए मेरा हीत चाहने वालों
चलो तुम भी अपना फर्ज़ निभा लो॥
व्यापार ये सहानुभूति का बड़ा खूब है ना,
कतरा फर्क नहीं पड़ता आपके दर्द से किसी को,
आ जाते बस सब सहानुभूति देने
पर दर्द बांटने को तैयार कोई ना।
लेन देन का ये व्यापार फिर भी बदस्तूर जारी रहेगा ,
इंसानियत पर ये सहानुभूति का दिखावा
हुमेसा भरी रहेगा ...
चलो आज मुझे भी जरूरत है सहानुभूति की मेरे हितैषियों ,
अपना हाथ जरा आजमा लो,
ए मेरा हीत चाहने वालों
चलो तुम भी अपना फर्ज़ निभा लो,

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